Thursday, February 16, 2017 | 8:40:00 PM
पंचवर्षीय योजनाओं की तरह हमारा देश
वादों और नारों पर
टिका है
कितने सारे कानून बेटियों के लिए बन गये
बेटे फिर भी बेचे जातें हैं
दहेज़ लेना स्टैट्स माने जाते हैं ----
मत करो बेटियाँ ख़रीदे हुए बेटो से शादी
जहाँ उनके पौरुष मारे जाते हैं ;
करो उस से शादी जिसमे पौरुष
ललाम हो
आत्मसम्मान ही नही
देश और नारी का सम्मान हो। .
माँ बनकर मत कीमत लगाओ
अपने अनमोल धन को
तुम शक्ति दोगी पिता भी न बेचेगा
अपने रतन को
देखो राम राज्य की हालत क्या हो गयी
दशरथ घूम रहे व्यापारियों के वेश में
कौशल्या तौल रही रामको
वास्तु बाँट में
आज गली गली रावण
घर घर में धोबी घूम रहे
राम उस समय भी न्याय नही कर सके
सीता के साथ
पत्नी न सही एक प्रजा के साथ-
फिर क्यों हो लाचार नारी
ख़रीदे हुए पति के साथ ,,----
डॉ शेफालिका वर्मा
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