Thursday, January 26, 2017 | 7:05:00 PM
यादें--
दोस्तों, बचपन हमारी जिंदगी का वो पड़ाव है जो हर व्यक्ति के दिल में आज भी जीवन्त है।सुकून और आनंद से भरे जीवन के उस दौर की यादें आज भी हमारे मुश्किल क्षणों में बहार लेकर आती हैं। 'उछलना, कूदना, खाना, खेलना'---जीवन मानो मस्ती के अलावा कुछ था ही नहीं। निश्छल मन, कोमल कल्पनाएँ और उन कल्पनाओं को हकीकत में बदलने के अजीब-अनोखे से तरीके...याद करके ही मन झूम उठता है।बचपन के जादुई तरीके आज भी कभी कभी हमें मुसीबतों से निकलने में सहायक बन जाते हैं। हैं ना?
तो फिर क्यों न हम आज फिर से उसी मासूमियत को जियें, उसी मस्ती में शामिल हो जाएँ और उसी निश्छलता से सबको अपना लें? शायद ऐसा करके हम आज अपने मन की सारी परेशानियाँ दूर कर सकें और एक बार फिर हमारे जीवन में बस बहार ही बहार हो।
अर्चना अनुप्रिया।
Posted By Archana Anupriya