Wednesday, November 9, 2016 | 8:13:00 PM
कहते हैं दुनिया उगते सूर्य को ही प्रणाम करती है, परन्तु छठ की पूजा-विधि में पहले डूबते सूर्य की वंदना होती है जो इस पूजा को और खास बना देती है। इसके पीछे का दर्शन यह है कि "जो झुकता है, वही उठता है", अर्थात् झुके हुओं की वंदना अवश्य होनी चाहिए। अनादिकाल से चली आ रही छठ पूजा हमारी संस्कृति का द्योतक है।सूर्य एकमात्र प्रत्यक्ष देवता हैं, सृष्टि का आधार हैं और अपनी उष्मा से जीवन का संचार करते हैं। अतः इस पर्व के माध्यम से सूर्य की भक्ति की जाती है। यह पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की छठी तिथि को होती है और संस्कृत में छठ स्त्रीलिंग है, अतः इस पूजा को छठी मैया के व्रत के नाम से भी जाना जाता है। छठ पूजा हमारे जीवन-दर्शन से जुड़ी है। छठी मैया की जय....!
.. अर्चना अनुप्रिया।
Posted By Archana Anupriya